Friday, September 24, 2010

अयोध्या



कसाब का हिसाब हो,
या इन्तेजार में तड़पती अयोध्या,
अपना स्पीड छोड़ेंगे नही,
चाहे हंसे ये सारी दुनिया 

तारीख पे तारीख पडती है, ब्रेकिग न्यूज बिकती है,
लेकिन सच पूछो, तो पब्लिक को क्या पड़ी है,
चार दिन चबाके, नया गोसीप ढूंढेगी
गप्पे लगाने को ये हर चौराहे पे खड़ी है

उसी चौराहेसे "विशेष संवाददाता"
खोज निकलेगी मिडिया..
ओह माय डार्लिंग,
इट हैपंज ओनली इन इण्डिया...

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